स्वाभिमान की लड़ाई स्वेच्छा से हार जाते हैं।

और आश्चर्य की बात यह है कि वे निर्वाचित प्रतिनिधि भी अनुशासन के नाम पर बंदियों की सी स्थिति स्वीकार भी कर लेते हैं। संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करने की बात करते हैं लेकिन स्वाभिमान की लड़ाई स्वेच्छा से हार जाते हैं। वर्चस्व के इस युद्ध में कोर्ट का फैसला किसी के भी पक्ष में जाए, फ्लोर टेस्ट का कोई भी नतीजा आए "लोकतंत्र की जीत" या "लोकतंत्र की हत्या" जैसे शब्दों का चयन हर दल अपनी सुविधानुसार कर लेगा लेकिन मतदाता को तो सबकुछ देखकर और समझकर भी सब चुपचाप सहन करना ही पड़ेगा क्योंकि आज राजनीति ने अपनी नई परिभाषाएं गढ़ ली है।


" alt="" aria-hidden="true" />


Popular posts
संत कबीर नगर : दिनांक मार्च 31-2020 को रेलवे स्टेशन खलीलाबाद के आसपास के क्षेत्र में निवास कर रहे गरीब मजदूर बेसहारा जरूरतमंद लोगों महिला पुरुष बच्चे जो दिहाड़ी मजदूरी पर आश्रित है कोरोना वायरस की महामारी संकट तथा देश में लागू लॉक डाउन के मद्देनजर सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए तथा ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत भूखे प्यासे लोगों को चौकी जीआरपी खलीलाबाद द्वारा भोजन कराया गया भोजन के उपरांत सेनीटाइजर हेतु साबुन वितरित किया गया व बताया गया कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें उन्हें जागरूक किया गया ।
कांग्रेस नेता रामकुमार तंवर नेरहने के लिये ज़रूरत मंदो को दिये अपने 50 कमरे
हिंसा पीड़ितों के सत्यापन के लिए सरकार का विशेष अभियान, हफ्ते भर में पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा
Image
राणा कपूर की बेटी को मुंबई हवाईअड्डे पर लंदन जाने से रोका गया, ईडी ने जारी किया था लुकआउट नोटिस
Image
नोएडा के सेक्टर-135 स्थित सीज फायर कंपनी सील,19 लोगों में फैला था कोरोना वायरस